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श्री भीडभञ्जन महादेवो विजयतेतराम् श्रीमत्स्वामी विश्वात्मान्द गिरि

तत्त्वमसि आश्रम

तत्त्वमसि आश्रम एक आध्यात्मिक संस्था है जो मानव की आध्यात्मिक उन्नति एवं निःस्वार्थ सेवा में निरन्तर रत है, जिससे मनुष्य इसी मानव जीवन में आन्तरिक शान्ति एवं परमात्म अनुभव को प्राप्त कर सके।

आश्रम की स्थापना वि.सं. 2066 की वैशाख शुक्ल पक्ष अक्षय तृतीया के परम पुण्य पावन अवसर (27 अप्रैल 2009) पर श्रीमत्स्वामी विश्‍वात्मानन्द गिरि जी महाराज के करकमलों द्वारा हुई है जो स्वयं में एक उच्चकोटी के साधक, प्राणायाम के महान् ज्ञाता, हठयोग के अभ्यासकर्ता तथा विरक्त एवं त्यागी संन्यासी संत महापुरुष हैं।

स्वामीजी का स्वभाव परम वैराग्यपूर्ण होने के कारण से, इच्छा न होने पर भी उनकी आयु एवं अवस्था को ध्यान में रखकर भक्तों के आग्रह करने पर इन्होंने अपनी स्वीकृति प्रदान की तथा इस प्रकार तत्त्वमसि आश्रम की स्थापना हुई।

आश्रम का मूल उद्देश्य साधको तथा जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन करना है तथा उन्हें मोक्ष मार्ग में प्रतिष्ठित करना है जिससे उन्हें पुनः पुनः जन्म-मरण रूपी इस संसार दावाग्नि में दग्ध न होना पडे।