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श्री भीडभञ्जन महादेवो विजयतेतराम् श्रीमत्स्वामी विश्वात्मान्द गिरि

हरिद्वार

हरिद्वार एक पौराणिक नगरी है तथा यह सप्त पुरीओं में एक है। इसका वर्णन आपको विष्णु पुराण, शिव पुराण आदि मुख्य पुराणों में मिलता है। यहाँ की अधिष्ठातृ देवी "मायापुरी" है इसलिये इसे मायापुरी भी कहते है। यहाँ हर 12 वर्ष में कुम्भ पर्व का आयोजन होता है। यमनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ (चार धाम) जाने के लिये यात्रा यही से प्रारम्भ होती है।

हरिद्वार देश के विभिन्न शहरो से जुड़ा है। यह दिल्ली से केवल 225 कि.मी. की दूरी पर है तथा रेल, बस एवं हवाई मार्ग से जुडा है। 

यदि घूमने एवं चार धाम यात्रा हेतु हरिद्वार आना है तो वर्ष में अप्रैल से सितम्बर माह तक आ सकते है अन्यथा ओक्टोबर से मार्च माह के बीच आने से हरिद्वार में भीड़ कम होती और अधिक शान्ति होती है।

दर्शनीय स्थल

हरिद्वार में मुख्यतः हर-की-पैड़ी, मनसा देवी, चण्डी देवी, सती घाट, दक्ष प्रजापति मन्दिर आदि पौराणिक महत्व के दर्शनीय स्थल है।


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